स्लीप क्वालिटी बढ़ाने के 7 साइंटिफिक हैक्स, काम करेंगे फटाफट
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मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट दिमाग को एक्टिव रखती है और नींद की नेचुरल रिद्म बिगाड़ती है। सोने से 1 घंटा पहले स्क्रीन बंद करें। ब्लू लाइट ग्लासेस भी यूज कर सकते हैं।
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कैमोमाइल टी या लैवेंडर टी भी नर्वस सिस्टम को शांत करती है और नींद लाने में मदद करती है। रिसर्च बताती है कि गर्म दूध, मेलाटोनिन बनाने में मदद करता है, जो नींद लाने में मदद करता है।
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कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक और डार्क चॉकलेट जैसे कैफीन वाले फूड्स शाम के बाद न लें। सोने से 2–3 घंटे पहले तक भारी भोजन और स्नैक्स से बचें, वरना पाचन दिक्कत करेगा और नींद खराब होगी।
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सोने का कमरा जितना डार्क और ठंडा होगा, नींद उतनी ही गहरी होगी। खिड़कियों पर ब्लैकआउट पर्दे लगाएं। तापमान 22–24°C के बीच रखें
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बिस्तर पर बैठकर काम करना या फोन चलाना दिमाग को सिग्नल देता है कि यह जगह एक्टिविटी के लिए है, नींद के लिए नहीं। बेड, नींद और रिलैक्सेशन, यही नियम अपनाएं।
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सोने से पहले अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम या 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक करने से दिमाग शांत होता है और नींद गहरी आती है।
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दिमाग में खून जमने से शरीर में क्या बदलाव दिखता है?
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